सूत्र :द्रव्यविकार-वैषम्यवद्वर्णविकारविकल्पः II2/2/45
सूत्र संख्या :45
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : आक्षेप की पुष्टि करते हैं, जैसे द्रव्यों से विषम विकार हो जाते हैं, वैसे ही वर्णों (अक्षरों) से भी विषम विकार बा विकार विकल्प हो जाते हैं, अर्थात् जैसे मीठे दूध से खट्टा दही हो जाता हैं, ऐसे ही हृस्व व दीर्घ “इ“वर्ण से भी विषम यकार हो जाता है। अब इसका समाधान करते हैं-