सूत्र :नाभावप्रामाण्यं प्रमेयासिद्धेः II2/2/7
सूत्र संख्या :7
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : प्रत्येक प्रमाण प्रमेय की सिद्धि के लिए होता है, जबकि अभाव का कोई प्रमेय नहीं तो वह प्रमाण कैसे हो सकता है।
व्याख्या :
प्रश्न - बिना प्रमाण के प्रमेय की सिद्धि नहीं हो सकती, यह तो सर्वसम्पत हैं, किन्तु बिना प्रमेय के प्रमाणकी सिद्धि नहीं होती, यह बात ठीक नहीं।
उत्तर - इस संसार में कोई वस्तु निष्प्रयोजन नहीं और प्रमाण से सिवाय प्रमेय ज्ञान के और कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं हो सकता, इसलिए ऐसा प्रमाण जिसका कोई प्रमेय न हो, व्यर्थ होने से माननीय नहीं हो सकता। इसका उत्तर सूत्रकार देते हैं