सूत्र :न लक्षणावस्थितापेक्षासिद्धेः II2/2/11
सूत्र संख्या :11
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : हम यह नहीं कहते कि जो लक्षण होते हैं, उनका अभाव होता है, किन्तु हम यह कहते हैं कि कुछ लक्षण पाये जाते हैं और कुछ नहीं पाये जाते। परीक्षक जिन लक्षणों के भाव को अनुभव नहीं करता, उन्हीं लक्षणों के अभाव से उसक वस्तु का ज्ञान होता है। जैसे किसी ने कहा कि इस फूलों के ढेर में से लाल और छोड़कर दूसरे फूल लाओ। अब फूल के लक्षण तो सब फूलों मे पाए जाते हैं, किन्तु लाल और पीला होना किसी में हैं और किसी में नहीं, अब जिन फूलों में रक्तता और पीतता का अभाव होगा, उनको वह मनुष्य ले जाएगा। केवल लाल और पीले न होने से ही उन फूलों का ज्ञान हुआ हैं, अन्यथा और कोई प्रमाण उन फूलों का ज्ञान कराने वाला नहीं था।
प्रश्न - अभाव कितने प्रकार का है ? सूत्रकार इसका उत्तर देते हैं: