सूत्र :शुक्लपटवद्बीजवच्चेत् II1/10
सूत्र संख्या :10
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : स्वाभाविक गुण का भी नाश हो जाता है, जैसे-श्वेत वस्त्र का श्वेत रंग स्वाभाविक गुण है, परन्तु वह मैला हो जाने से नष्ट हो जाता है। इसी प्रकार बीज में अंकुर लाने का स्वाभाविक गुण है, परन्तु वह बीज के जला देने से नष्ट हो जाता है, अतएव यह विचार करना ठीक नही।