सूत्र :नावस्थातो देहधर्मत्वात्तस्याः II1/14
सूत्र संख्या :14
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : प्रश्न- तो फिर क्या अवस्था अर्थात् दशाओं के हेतु से दुःख उत्पन्न होता है? क्योकि तीन अवस्था अर्थात् जाग्रत्, स्वप्न और सुषुप्ति या बाल्यावस्था या युवावस्था या वृद्धावस्था इन छः दशाओं में किसके हेतु से दुःख और बन्धन होता है?