सूत्र :स्वभावस्यानपायित्वादननुष्ठानलक्षणमप्रामाण्यम् II1/8
सूत्र संख्या :8
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : स्वाभाविक गुण के अविनाशी होने से जिन मन्त्रों में दुःख दूर करने का उपदेश किया गया है, वह सब प्रमाण नही रहेंगे, अतएव दुःख जीव का स्वाभाविक गुण नही।