सूत्र :न कालयोगतो व्यापिनो नित्यस्य सर्वसम्बन्धात् II1/12
सूत्र संख्या :12
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : दुःख काल के कारण से नही हो सकता, क्योंकि काल सर्वव्यापक और नित्य है और उसका सबसे सम्बन्ध है, अतएव काल के हेतु से तो बन्धन मुक्त हो नही सकता, क्योकि यदि काल ही दुःख का हेतु माना जावे तो सब ही दुःखी होने चाहियें।