DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :जगत्सत्यत्वमदुष्टकारणजन्यत्वाद्बाधका-भावात् II6/52
सूत्र संख्या :52

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : जगत् सत्य है, क्योंकि इसका कारण नित्य है और किसी समय में भी इसका बाध (रोक) नहीं दीखता है। इस सूत्र का आशय पहिले अध्याय में कह आये हैं, इसलिए विस्तार नहीं किया है।