सूत्र :जडव्यावृत्तो जडं प्रकाशयति चिद्रूपः II6/50
सूत्र संख्या :50
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जीव जड़ पदार्थों में मिलकर उनको भी प्रकाशित कर देता है, इस वास्ते वह प्रकाशस्वरूप है, क्योंकि यदि जीव में प्रकाश करने की शक्ति न होती तो शरीर में गमनादिक त्रियायें न हो सकती थीं।