सूत्र :अहंकारः कर्ता न पुरुषः II6/54
सूत्र संख्या :54
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : संकल्प-विकल्प आदियों का कत्र्ता अहंकार है, किंतु जीव नहीं है, क्योंकि जो विचार बुद्धि में उत्पन्न होता है उसके बाद मनुष्य कार्यों के करने में लगता है और उस बुद्धि को पुरूष का प्रतिबिम्ब ही प्रकाश करता है।