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दर्शन शास्त्र :
सांख्य दर्शन
Language
HINDI
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Darshan
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सूत्र :
लोकस्य नोपदेशात्सिद्धिः पूर्ववत् II6/57
सूत्र संख्या :
57
व्याख्याकार :
स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ :
जैसे इस लोग के पुरूषों की ज्ञवणमात्र से मुक्ति नहीं होती है, इसी तरह चन्द्रलोक के मनुष्यों की भी श्रवणमात्र से मुक्ति नहीं होती।
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