DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :प्रतिनियतकारणनाश्यत्वमस्य ध्वान्तवत् II6/14
सूत्र संख्या :14

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : यह अविवेक भी प्रतिनियत कारण से नाश हो जाता हैं, इसलिये अनित्य हैं, जैसे-अंधेरा प्रकाश रूप प्रतिनियत कारण से नाश हो जाता है, इसलिये वह अविवेक नित्य नहीं हो सकता। प्रश्न- प्रतिनियत कारण किसकसे कहते हैं? उत्तर- जिससे उस कार्य की उत्पत्ति वा नाश हो जाय, जैसा अन्धेरे के दृष्टान्त से समझा लेना चाहिये।

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