सूत्र :प्रकारान्तरासम्भवादविवेक एव बन्धः II6/16
सूत्र संख्या :16
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : सिवाय अविवेक के जब कोई और प्रकार बन्ध में हेतु नहीं दीखता तो ऐसा मानना ही ठीक है कि अविवेक ही बन्ध है और विवेक ही मोक्ष है। कोई वादी इन तीन सूत्रों से जोकि आगे कहे जायेंगे मुक्ति सम्बन्ध में पूर्व-कक्ष करता है।