DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :न मुक्तस्य पुनर्बन्धयोगोऽप्यनावृत्तिश्रुतेः II6/17
सूत्र संख्या :17

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : मुक्ति की फिर बन्ध योग नहीं होता अर्थात् जो मुक्त हो चुका है वह फिर नहीं बन्ध सकता है क्योंकि ‘‘न स पुनरावत्तेते’’ चुका है (वह फिर नहीं आता है), इस श्रुति से मुक्त होने पर नहीं आता, ऐसा सिद्ध होता है।

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: