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दर्शन शास्त्र :
सांख्य दर्शन
Language
HINDI
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Darshan
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Adhya
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सूत्र :
न भागियोगो भागस्य II5/81
सूत्र संख्या :
81
व्याख्याकार :
स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ :
प्रधान के भा्र (अंश्) जो महात्तत्वादिक हैं उनका भागी (प्रधान) में मिल जाना ही मुक्ति है, सो भी नहीं हो सकता, क्योंकि वह तो उसमें मिलते ही हैं।
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