DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :सक्रियत्वाद्गतिश्रुतेः II5/70
सूत्र संख्या :70

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : मन त्रिया वाला है इसलिए मन हर एक इन्द्रियों के व्यापार और प्रवृत्ति का हेतु है, गति वाला भी है। प्रश्न- यदि मन को नित्य नहीं मानते तो मत मानो, लेकिन निर्विभाग, कारण रहित तो मानना होगा।

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