सूत्र :नेश्वराधिष्ठिते फलनि-ष्पत्तिः कर्मणा तत्सिद्धेः II5/2
सूत्र संख्या :2
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : केवल ईश्वर का नाम लेने से अर्थात् मंगलाचरण से फल नहीं मिल सकता किन्तु उसका हेतु कर्म है, जिसके होने से ईश्वर फल देता है, यदि कहो बिना कर्म के ईश्वर फल देता है।