सूत्र :न रागादृते तत्सिद्धिः प्रतिनि-यतकारणत्वात् II5/6
सूत्र संख्या :6
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : ईश्वर सृष्टि की सिद्धि में प्रतिनियत कारण है, उसके बिना केवल राग से अर्थात् प्रकृति महादादिकों से संसार की सिद्धि नहीं हो सकती।
प्रश्न- ईश्वर, जीव रूपधारी प्रकृति का संगी है, और उसमें प्रकृति के संयोग होने से रागादिक भी हैं?