DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :न तज्जस्यापि तद्रूपता पङ्कजवत् II4/31
सूत्र संख्या :31

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : मोक्ष भी प्रकृति के ही सहारे से होता है परन्तु जैसे प्रकृति से संसार उत्पन्न हुआ है और वह उसी प्रकृति का रूप समझा जाता है वैसे मोक्ष प्रकृति का रूप नहीं हो सकता क्योंकि जैसे पक से उत्पन्न हुआ कमल कीचड के रूप का नहीं होता, वैसे प्रकृति से उत्पन्न हुआ मोक्ष प्रकृति रूप नहीं हो सकता है।