DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :पिशाचवदन्यार्थोपदेशेऽपि II4/2
सूत्र संख्या :2

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : एक के वास्ते जो उपदेश किया जाता है उससे दूसरा भी मुक्त हो जाता है, जैसा-एक समय श्रीकृष्ण जी अर्जुन को उपदेश कर रहे थे, लेकिन पिशाच भी सुन रहा था यह पिशाच उस उपदेश को सुनकर उसके अनष्ठान द्वारा मुक्ति को प्राप्त हो गया।

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