सूत्र :तदधि-ष्ठानाश्रये देहे तद्वादात्तद्वादः II3/11
सूत्र संख्या :11
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : पंचभूतात्मक (स्थूल) शरीर में उसें लिंग शरीर का अधिष्ठान (रहने का स्थान) के सबब से देहवाद है, अर्थात् लिंग शरीर का आश्रय स्थूल शरीर है, इसलिए शरीर को शरीर कहते हैं।
प्रश्न- स्थूल शरीर लिंग शरीर से दूसरा है, इसमें क्या प्रमाण है?