सूत्र :तन्निवृत्तावुपशान्तोपरागः स्वस्थः II2/34
सूत्र संख्या :34
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : मन की वृत्तियों में निवृत्त होने पर पुरूष का उपराग शान्त हो जाता है, और पुरूष स्वस्थ हो जाता है। यही बात योग सूत्र में भी कही गई है कि जब चित्त की वृत्तियों का निरोध हो जाता है तब पुरूष अपने स्वरूप में स्थित हो जाता है। पुरूष का स्वस्थ होना यही है, कि उसके उपाधिरूप प्रतिबिम्ब का निवृत्त हो जाना, इसको ही दृष्टाँत से भी सिद्ध करते हैं।