DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :वृत्तयः पञ्चतय्यः क्लिष्टाक्लिष्टाः II2/33
सूत्र संख्या :33

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : प्रमाण (प्रत्यक्ष आदि), विपर्यय (झूठा ज्ञान), विकल्प (सन्देह), नींद, स्मृति (याद होना), यह पांच मन की वृत्तियां हैं, और इनसे ही सुख दुःख उत्पन्न होता है। जब मन की वृत्तियां निवृत्त हो जाती हैं तब पुरूष के स्वरूप में स्थित हो जाती हैं। इस बात को इस आगे के सूत्र में सिद्ध करते हैं।