DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :धेनुव-द्वत्साय II2/37
सूत्र संख्या :37

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : जैसे कि बछड़े के वास्ते गौ स्वयं दूध उतार देती है, दूसरे की कुछ भी आवश्यकता नहीं रखती इसी प्रकार अपने स्वामी के वास्ते इन्द्रियों की प्रवृत्ति स्वयं होती है। प्रश्न- भीतर और बाहर की सब इन्द्रियां कितनी हैं?