सूत्र :उपादाननियमात् II1/115
सूत्र संख्या :115
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : संसार में सब वस्तुओं का उपादान नियत है, जैसे मृत्तिका से घट तो बन सकता है परन्तु पट नहीं सकता, या लोहे से तलवार बन सकती है, रूई से नहीं बन सकती, जल से बर्फ बनती है, घी से नहीं बनती, इसी प्रकार सब पदार्थों के उपादान कारण नियत हैं, नियमित कार्य-कारण भाव से सत् होने से कार्य को भी सत् मानना पड़ेगा।