DARSHAN
दर्शन शास्त्र : न्याय दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Anhwik

Shlok

सूत्र :हेतूपादानात्प्रतिषेद्धव्याभ्यनुज्ञा II3/2/48
सूत्र संख्या :48

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : वादी ने जो बिजली का दृष्टान्त दिया है, उससे बुद्धि का अनित्य होना सिद्ध हैं, क्योंकि जैसेविद्युतप्रकाश के क्षणिक होने से केवल उसका ही अव्यक्त ग्रहण होता है, न कि उन पदार्थों का जिन पर बिजली गिरती है। ऐसे ही बुद्धि के अनित्य होने से केवल उसका ही अस्पष्ट ग्रहण होगा, न कि बुद्धिगम्य पदार्थों का। अतएव वादी के ही हेतु से बुद्धि का अनित्य होना सिद्ध है फिर उसी की पुष्टि करते हैं:-

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: