सूत्र :अव्यभिराच्च प्रतिघातो भौतिकधर्म:II3/1/38
सूत्र संख्या :38
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : बीच में किसी आचरण के आ जाने से चक्षु की दर्शन-शक्ति रूक जाती है, और आवरण से भौतिक पदार्थ की ही शक्ति का अवरोध हो सकता है, अभौतिक का नहीं, उसलिए चक्षु भौतिक है। यदि आवरण की रूकावट होने से चक्षु को भौतिक मानोगे तो कहीं पर रूकावट न होने से अभौतिक भी मानना पड़ेगा। जैसे कांच या जल का आवरण होते हुए भी चक्षुरश्मि नहीं रूकती। अनुपलब्धि का और भी कारण हैः