सूत्र :नक्तञ्चरनयनरश्मिदर्शनाच्च II3/1/43
सूत्र संख्या :43
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : रात को घूमने वाले सिंह सिंह मार्जार आदि जितने जन्तु हैं उनकी आंखों में तेज की किरणें देखने में आती हैं इससे सब जन्तुओं की आंखों में प्रकाश की किरणों के होने का अनुमान होता है। भेद केवल इतना है कि तीब्र ज्योति वाले जन्तुओं में इसका प्रत्यक्ष होता है, मन्द ज्योति में नहीं।