सूत्र :वाह्यप्रकाशानुग्रहाद्विषयोपलब्धेरनभिव्यक्तितो-ऽनुपलब्धिः II3/1/41
सूत्र संख्या :41
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : बाह्य प्रकाश की सहायता से अर्थात् सूर्यादि के प्रकाश की सहायता से आंख देखने में समर्थ होती है और बाह्य प्रकाश के न होने से किसी वस्तु के रूप का ज्ञान नहीं होता। किन्तु बाह्य प्रकाश से भी उन्हीं पदार्थो का ज्ञान होता है जो उद्भूत रूप हैं और जो अनदभूत रूप हैं उनका ज्ञान नहीं होता। क्योंकि वाह्य प्रकाश स्थूल पदार्थों को ही दिखला सकता है, सूक्ष्म को नहीं। आंख की किरणें भी सूक्ष्म हैं, इसलिए उनका प्रत्यक्ष नहीं होता। पुनःइसी की पुष्टि करते हैं-