सूत्र :एकविनाशे द्वितीयाविनाशान्नैकत्वम् II3/1/9
सूत्र संख्या :9
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यदि आंख दो नहीं होती, किन्तु एक ही होती, (जैसा कि वादी ने कहा है) तो एक के नाश होने पर दूसरी का भी नाश हो जाता, परन्तु ऐसा नहीं होता, एक आंख के नष्ट हो जाने पर दूसरी बराबर रहती है और उससे काम लिया जाता है। इसलिए आंख एक नहीं, अब बादी पुनः शंका करता हैं:-