सूत्र :कारणेन कालः 5/2/26
सूत्र संख्या :26
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : काल भी आधार ही है, उसमें क्रिया नहीं नहीं या वह क्रिया समवाय कारण नहीं, किन्तु निमित्त कारण होने से कर्मों का आधार ही समवाय कारण नहीं।
प्रश्न- जबकि काल में सब कार्य होते हैं तो सारी क्रियाओं का कारण काल है, इसलिए उसे समवाय कारण मानना चाहिए?
उत्तर- काल केवल आधार है क्योंकि वह कर्मों में निमित्त है, समवाय कारण नहीं हो सकता क्योंकि अमूत्र्त है।