सूत्र :नान्यो-पसर्पणेऽपि मुक्तोपभोगो निमित्ताभावात् II6/44
सूत्र संख्या :44
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यद्यपि प्रकृति अविवेकियों को बद्ध करती है परन्तु मुक्त को बद्ध नहीं करती, क्योंकि जिस निमित्त से प्रकृति अविवेकियों को बद्ध करती थी वह अविवेक मुक्त जीवों में नही रहता है।