सूत्र :सत्तामात्राच्चेत्सर्वैश्वर्यम् II5/9
सूत्र संख्या :9
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : अगर चेतन से जगत् की उत्पत्ति है, तो जिस प्राकर परमेश्वर सम्पूर्ण ऐश्वर्यों से युक्त है, इसी तरह सब संसार भी सम्पूर्ण ऐश्वर्यों सें युक्त होना चाहिए, लेकिन संसार में यह बात नहीं दीखती, इस हेतु से भी परमेश्वर जगत् का उपादान कारण सिद्ध नहीं होता किन्तु नितित्त कारण की सिद्ध होता है और भी इस विषय का पुष्टिकारक यह सूत्र है-