DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :तत्त्वाभ्यासान्नेति नेतीति त्यागाद्वि-वेकसिद्धिः II3/75
सूत्र संख्या :75

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : देह आत्मा नहीं हैं, पुत्र आत्मा नहीं हैं, इन्द्रियां आत्मा नहीं हैं मन आत्मा नहीं है। इस प्रकार नेति-नेति करके त्याग से और तत्वाभ्यास करने से विवक की सिद्धि हो जाती है। श्रुति भी इसी आशय को कहती है, अर्थात् ‘आदेशो नेति नेतोति त्यागनैके अमतत्वमानशु।’

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