सूत्र :निमित्तत्वमविवेकस्य न दृष्टहानिः II3/74
सूत्र संख्या :74
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : मुक्ति के न होने अज्ञान ही निमित्त हैं, इस वास्ते उसकी निवृत्ति ही वास्ते यत्न करना चाहिये और उस यत्न में धम्र्मानुष्ठान आदि चित्तशेधक कर्म भी परिगणित हैं, अतः उसकी हानि नहीं हो सकती, क्योंकि बिना धर्म ध्यान आदि किये कोई भी ज्ञानवान् हो ही नहीं सकता।
अब विवेक कैसे होता है, उसका उपाय कहते हैं-