सूत्र :ऐकभौतिकमित्यपरे II3/19
सूत्र संख्या :19
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : और कोई ऐसा कहते हैं कि यह स्थूल शरीर एक भौतिक है, अर्थात् शरीर पार्थिव है और जो विशेष चार भूत है वे केवल नाम मात्र ही है। या इस प्रकार जानना चाहिए कि एक-एक भूत के सब शरीर हैं। मनुष्य के शरीर में पृथिवि का अंश ज्यादा है इस कारण यह शरीर पार्थिव है तेजस लोग वासियों में तेज ज्यादा है, इससे उनका शरीर तैजस है शरीर स्वभाव से चैतन्य नहीं हैं, इस पक्ष को दूर करते हैं।