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दर्शन शास्त्र :
सांख्य दर्शन
Language
HINDI
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Darshan
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सूत्र :
चातुर्भौतिकमित्येके II3/18
सूत्र संख्या :
18
व्याख्याकार :
स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ :
कोई ऐसा कहते हैं कि, चार ही भूतों से स्थूल शरीर होता है क्योंकि आकाश तो अवयव रहित है, इस कारण आकाश किसी के साथ विकार को प्राप्त नहीं हो सकता है।
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