सूत्र :आप्तोपदेशः शब्दः II1/1/7
सूत्र संख्या :7
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : ‘आप्त’ उस विद्वान् तथा सत्यवक्ता को कहते हैं जो पदार्थों के गुणों को जानकर और उनके रूप को यथावत् जानकर उसकी सत्ता और लाभों को वर्णन करे। अर्थात् जिस वस्तु को बुद्धि तथा विद्या सम्बन्धी अन्वीक्षण से जैसा जाना हैं। उसको वैसा ही बतलाने वाले का नाम ‘आप्त’ हैं। यह लक्षण ऋषि आर्य, म्लेच्छादि सबके लिए संगत हो सकता है। और सब उसी के अनुकूल आचरण करते हैं और संसार के हर एक पदार्थ की इन प्रमाणों से जानकर काम करना चाहिए । आप्त के उपदेश को शब्द प्रमाण कहते हैं।
व्याख्या :
प्रश्न-शब्द कितने प्रकार का है ?