सूत्र :आकृतिर्जाति- लिङ्गाख्या II2/2/70
सूत्र संख्या :70
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जिससे जाति के चिन्ह प्रकट होते हैं वह आकृति है अर्थात् आकृति ही जाति को बतलाती है, जैसे मनुष्य की आकृति को देखकर मनुष्य जाति का ज्ञान होता है और वह व्यक्ति के अंगों की बनावट और उनके स्वरूप से पहचानी जाती है। अब सूत्रकार जाति का लक्षण कहते है।