सूत्र :अस्पर्शत्वात् II2/2/23
सूत्र संख्या :23
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जितने पदार्थ संयुक्त हैं उन सबका स्पर्श होता है, असंयुक्त का स्पर्श नहीं होता। जोकि शब्द का स्पर्श नहीं होता, इसलिए शब्द संयुक्त नहीं, किन्तु सूक्ष्म हैं और सूक्ष्म वस्तु नित्य होती है, इसलिए शब्द नित्य है।
व्याख्या :
प्रश्न - स्पर्शरहित वस्तुओं के सूक्ष्म होने का क्या प्रमाण है ?
उत्तर -पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु ये चारों भूत संयुक्त हैं, पृथ्वी में पांचों भूत मिले रहते हैं, इसलिए उसका गुण गन्ध अनित्य है, जल में चार, अग्नि में तीन और वायु में दो तत्व मिले रहते हैं, इसलिए इनके गुण रस, दाह और स्पर्श भी अनित्य हैं। केवल आकाश असंयुक्त और विभु हैं, इसलिए उसका गुण शब्द भी असंयुक्त और नित्य हैं, वायु तक जिसका गुण स्पर्श है पदार्थ अनित्य हैं, किन्तु आकाश, आत्मा और काल इनका स्पर्श नहीं होता इसलिए ये नित्य हैं।
इसका उत्तर सूत्रकार देते हैं:-