सूत्र :स्थूलात्पञ्चतन्मात्रस्य II1/62
सूत्र संख्या :62
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : इन पांच प्रकाशवान् तत्त्वों से उन सूक्ष्म तन्मात्रों का अनुमान होता है जिस प्रकार कार्य को देखकर कारण का अनुमान होता है. जैसे लिखा है -
अर्थात् कार्यो के गुणों के अनुसार कारण और और कारण के अनुसार कार्य के गुणों का अनुमान होता है। इसी प्रकार यहां कार्य तत्त्वों को देखकर तन्मात्र का ज्ञान हो जाता है।