DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :कृतनियमलङ्घनादानर्थक्यं लोकवत् II4/15
सूत्र संख्या :15

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : शौच, आचार आदि जो नियम विवेक की बुद्धि के वास्ते माने गए हैं, उनके लंघन से अर्थात् ठीक तौर से न पालने पर अनर्थ होता है और उन नियमों का फिर कुछ भी फल नहीं होता, जैसे कि रोगी के लाभ के वास्ते वैद्य ने बताया लेकिन उसने कुछ पथ्य न किया, उसको कुछ फल अच्छा न होगा किन्तु रोग वृद्धि को ही प्राप्त होगा।

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: