सूत्र :बहुशास्त्रगुरूपासनेऽपि सारादानं षट्पदवत् II4/13
सूत्र संख्या :13
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : बहुत से शास्त्रों और गुरूओं से सार वस्तु जो विवेक का साधन है उस ही लेना चाहिए जैसे-भौरा फूलों का जो सार मधु है उसको ग्रहण करता है, इसी तरह सार का लेना योग्य है।