सूत्र :द्वयोरेकदेशलब्धोपरागान्न व्यवस्था II1/29
सूत्र संख्या :29
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जब आत्मा और इन्द्रिय दोनों को विषय वासना में बंधा हुआ मानोगे तो मुक्त और बन्धन में रहने वाले का पता भी नही लगेगा। इसका आशय यह है कि जब आत्मा और इन्द्रिय दोनों ही विषय वासना से समान सम्बन्ध रखते है तो इन्द्रियों का बन्धन न कह कर केवल आत्मा ही का बन्धन बतलाना अयुक्त होगा। इस कारण वासना से भी बन्धन नही होता।