सूत्र :न तादृक्पदार्थाप्रतीतेः II1/24
सूत्र संख्या :24
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : इस प्रकार अविद्या वस्तु अवस्तु से पृथक् नही हो सकतो, क्योकि ऐसा कोई पदार्थ नही जो सत्-असत् से पृथक् हो और यहां यह भी प्रश्न उत्पन्न होता है कि तुम्हारी अविद्या के अनिर्वचनीय होने में कोई प्रमाण है या नही। यदि कहो प्रमाण है तो वह प्रमेय हो गई फिर अनिर्वचनीय किस प्रकार हो सकती है। यदि कहो प्रमाण नही, तो उसके होने का क्या प्रमाण है?