सूत्र :अभिमानोऽहंकारः II2/16
सूत्र संख्या :16
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : अहं करने वाले को अहंकार कहते हैं, जैसे-कुम्हार को कुम्भकार कहते हैं, और यह अहंकार शब्द अन्तःकरण का नाम है। अहंकार और अभिमान यह दोनों एक ही वस्तु के नाम हैं। अब अहंकार का कार्य दिखाते हैं।