DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :महदादिक्रमेण पञ्चभूतानाम् II2/10
सूत्र संख्या :10

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : महत्वादि को से आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथिवी यह पंचभूत पैदा हुए। यद्यपि प्रकृति का सृष्टित्व अपनी मुक्ति के वास्ते है क्योंकि वह प्रकृति नित्य है किंतु महादादिकों का अपने-अपने विकार का सृष्टित्व अपनी मुक्ति के वास्ते नहीं हो सकता, क्योंकि अनित्य है। अतएव महादादिकों का सृष्टित्व पराये वास्ते है और भी प्रमाण हैं।

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