सूत्र :न नियमः प्रमाणान्तरावकाशात् II5/22
सूत्र संख्या :22
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : धर्म की सिद्धि प्रत्यक्ष प्रमाण से ही हो, यह कोई नियम नहीं है, क्योंकि अनेक प्रमाण हैं और प्रत्यक्ष प्रमाण के सिवाय और प्रमाणों से भी पदार्थ की सिद्धि होती है।
प्रश्न- धर्म की तो सिद्धि इस तरह कर ली गई, लेकिन अधर्म की तो सिद्धि किसी प्रमाण से नही हो सकती?