सूत्र :चरमोऽहंकारः II1/72
सूत्र संख्या :72
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : और प्रकृति का दूसरा कार्य अहड्.कार है। इन तीनों सूत्रों का अभिप्राय यह है कि यदि प्रकृति को कारणत्व कहा जावे, तो केवल उन्ही दो कार्यों का कहना अन्य कार्यों का कारण महदादि को कहना चाहिए। इसी बात को अगले सूत्रों से स्पष्ट करते है।