सूत्र :जपास्फ-टिकयोरिव नोपरागः किं त्वभिमानः II6/28
सूत्र संख्या :28
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जैसे जपा का फूल और स्फटिकमणि को पास रखने से उपराग होता है वैसा उपराग पुरूष में नहीं है किन्तु अविवेक के कारण से पुरूष में विषय वासनाओं का अभिमान कहना चाहिये।